This blog is for trending social, political and other highlighted issues. Short stories and poem. That time current events of society. Motivational stories and quote which help you to get respect in society.
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वो पथ क्या पथिक प्रशंसा क्या
जिस पथ पर बिखरे शूल ना हो,
वो नाविक की धैर्य कुशलता क्या
जब धाराएं प्रतिकूल ना हो।
कल दिखा मुझे एक देहाती शहर की भाषा उसे नहीं आती पर थे उसके मीठे बोल मन में देता मिश्री घोल छल कपट से दूर था वो दिखता ज़रा मज़बूर था वो श्याम वर्ण और दुबली काया धोती कुर्ता तन पे पाया सुनी आंखे सागर सा गहरा जीवन में जैसे दुखों का पहरा पूछ बैठा मैं तू कहा से आया क्या शहरी जीवन नहीं तुझे भाया बोल पड़ा मैं कल ही आया दो चार जोड़ कुछ पैसे लाया सोचा शहर में कुछ काम करूंगा और थोड़ा आराम करूंगा अपने भी फिर दिन फिरेगे लोग हमारी भी इज्जत करेंगे पर क्या पता था शहर नहीं है हम जैसे गांववालों की यहां प्यार नहीं है ना अपनापन सब पैसे मोल बिकते है इससे अच्छा तो गाँव है अपना क्यों पाला मैं शहर का सपना आज ही मैं वापस जाऊँगा और फिर कभी नहीं शहर आऊंगा
जिंदगी की राह में खुशी खुशी चलते हुए अचानक लगे हम रोने धोने जैसे टूट गया हो खेल खिलौने वक़्त ने फिर मुझे समझाया ज़ख्मों पर मरहम लगाया बोला मुझको क्यों तुम रोया क्या था तेरा जो तुम खोया सबकुछ तुम है यहीं पर पाया होगा सबकुछ छोड़ कर जाना मत फंस तू इस मोह माया में ग़म न कर झूठी काया का मौत सत्य है इस धरा का जितनी जल्दी हो पहचान लो सबका अंत एक ही होगा जान लो और मान लो
वक्त के धरातल पर रखे कदम हम कुछ ऐसे कि लोग कह उठे बिल्कुल नहीं बदला वैसा ही है पहले था जैसे परिस्थितियों के थपेड़े इसको नहीं डिगा सके सच कहते हैं लोग सब शख्सियत में अगर दम हो तो फिर कौन है जो उसे मिटा सके माना होगी तकलीफें बहुत इस दुनिया में तुझे जीने में समुद्र मंथन करना पड़ेगा इच्छा अगर हो अमृत पीने में
Nice
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