This blog is for trending social, political and other highlighted issues. Short stories and poem. That time current events of society. Motivational stories and quote which help you to get respect in society.
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वो पथ क्या पथिक प्रशंसा क्या
जिस पथ पर बिखरे शूल ना हो,
वो नाविक की धैर्य कुशलता क्या
जब धाराएं प्रतिकूल ना हो।
कल दिखा मुझे एक देहाती शहर की भाषा उसे नहीं आती पर थे उसके मीठे बोल मन में देता मिश्री घोल छल कपट से दूर था वो दिखता ज़रा मज़बूर था वो श्याम वर्ण और दुबली काया धोती कुर्ता तन पे पाया सुनी आंखे सागर सा गहरा जीवन में जैसे दुखों का पहरा पूछ बैठा मैं तू कहा से आया क्या शहरी जीवन नहीं तुझे भाया बोल पड़ा मैं कल ही आया दो चार जोड़ कुछ पैसे लाया सोचा शहर में कुछ काम करूंगा और थोड़ा आराम करूंगा अपने भी फिर दिन फिरेगे लोग हमारी भी इज्जत करेंगे पर क्या पता था शहर नहीं है हम जैसे गांववालों की यहां प्यार नहीं है ना अपनापन सब पैसे मोल बिकते है इससे अच्छा तो गाँव है अपना क्यों पाला मैं शहर का सपना आज ही मैं वापस जाऊँगा और फिर कभी नहीं शहर आऊंगा
जिसको देश से नहीं है प्यार वह है देश का गद्दार यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यह मीरा की धरती है यह कबीरा की धरती है यहां तुलसी हुए महान यही के थे कवि रसखान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यहां गंगा की अमृत धार जिसकी कल कल करती तान यह वीरो की है वो धरती जिसकी बड़ी निराली शान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना दुश्मन है जाल बिछाए देखो दाना भी फैलाए फूक फूक कर कदम बढ़ाना कहीं चली ना जाए मान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हिमालय है इसका ताज सागर ने भी रखी लाज कल भी नंबर वन था देश और नंबर वन है आज यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना इस देश के दो सपूत व्यक्तित्व थी उनकी खास एक का नाम था मोहनदास तो दूजे थे सुभाष यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हे भारत के वीर उठाओ गांडीव और तीर कर दो दुश्मन का संह...
सरहद पर खड़े बेटे से मां बोली वहां कैसा है। फिक्र नहीं है किसी बात का तेरी गोद के जैसा है। जब तक सांस है सीने में आबरू नहीं लुटने दूंगा। मर जाऊंगा खप जाऊंगा तिरंगा नहीं झुकने दूंगा। तुम ने दूध पिलाया मुझको मैं इसका कर्ज चुकाऊंगा। कदमों पर मैं आ न सका तो तिरंगे में लिपट आऊंगा। कसम तुझे है इस बेटे की आंसू ना बहने देना। फक्र मुझे है अपने लाल पर कोई पूछे तो कहना। मरा नहीं है मेरा बेटा शहादत उसकी शान है तीन रंग में रंगा तिरंगा उसकी असल पहचान है बूंद - बूंद मेरे लहू का देश के काम आएगा भारत फिर विश्वगुरु बनेगा नभ में इंकलाब छाएगा
Nice
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