ज़िन्दगी
जिंदगी की राह में
खुशी खुशी चलते हुए
अचानक लगे हम रोने धोने
जैसे टूट गया हो खेल खिलौने
वक़्त ने फिर मुझे समझाया
ज़ख्मों पर मरहम लगाया
बोला मुझको क्यों तुम रोया
क्या था तेरा जो तुम खोया
सबकुछ तुम है यहीं पर पाया
होगा सबकुछ छोड़ कर जाना
मत फंस तू इस मोह माया में
ग़म न कर झूठी काया का
मौत सत्य है इस धरा का
जितनी जल्दी हो पहचान लो
सबका अंत एक ही होगा
जान लो और मान लो
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