दिल्ली चुनाव Delhi election

चली नेतागण भाषण देने
 फिर बीच गई बिसात है
 पता नहीं कौन जीतेगा
 यह जनता किसके साथ है

 कोई बोले मैं देशभक्त हूं
 मैं बोलूं सीमा पर जा
 देश रक्षा में कितने शहीद हुए
 एक गोली तुम भी खा कर दिखा

 कोई बोले मुझे जिताओ
 सब कुछ कर दूंगा मैं मुफ्त
 मैं बोलूं नहीं चाहिए लॉलीपॉप
 बता है क्यों अर्थव्यवस्था सुस्त

 कोई बोले मैं तेरी जात का
 क्या मुझको नहीं जिताएगा
 मैं बोलूं जात पात छोड़ो
 क्या इंसान बनकर दिखाएगा

 आज तुम जनता को बोले जनार्दन
 कल मुझे मेरी औकात बताएगा
 जनता वही की वही रहेगी
 तुम दूज का चांद हो जाएगा

 जनता की जरूरत कोई ना बोले
 सब इधर-उधर की बात है
 चले नेता गन भाषण देने
 फिर बीच गई बिसात है

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