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Showing posts from November, 2019
#Ayodhya issue ( अयोध्या का फैसला)
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कौन कहता था देश में माहौल बिगड़ जाएगा जिस दिन #अयोध्या का ऐतिहासिक फैसला आएगा आंखें खोल देख लो हर मजहब ने खुशियां मनाई है देश ने सद्भावना की क्या मिसाल दिखाई है हम मंदिर भी बनाएंगे हम मस्जिद भी बनाएंगे चाहे होली या ईद हो या हो दिवाली साथ में मनाया है साथ में मनाएंगे हम विश्व के वह देश नहीं जहां धर्म की कट्टरता हो हम विश्व के वह देश नहीं जहां आतंकवाद पलता हो हिंदुस्तान मेरा नाम है जहां सब में भाईचारा है हिंदुस्तान मेरा नाम है जहां वसुधैव कुटुंबकम का नारा है।
Ayodhya case ( अयोध्या मामला )
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सदियों से लंबित अयोध्या मामले पर कल जिस तरह सूझ बूझ का परिचय देते हुए हमारे सर्वाेच्च न्न्यालय्या के 5 जजों की खंडपीठ ने एक मत से जिस प्रकार फैसला सुनाया है वह सही मायने में काबिले तारीफ है। फैसला आने के बाद जिस प्रकार से दोनों समुदाय ने एक दूसरे को मुबरकबाद दिया वह हमारी भाईचारा और सहिस्नुता को दर्शाता है । सदियों से हम मिल कर रहे है और आगे भी रहेंगे। किसी अराजक तत्वों के बहकावे ने न आते हुए इसी तरह की भाईचारे का परिचय आगे भी देते रहेंगे। जय हिंद, जय भारत।
My #country land (मेरे देश की धरती)
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जिसको देश से नहीं है प्यार वह है देश का गद्दार यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यह मीरा की धरती है यह कबीरा की धरती है यहां तुलसी हुए महान यही के थे कवि रसखान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यहां गंगा की अमृत धार जिसकी कल कल करती तान यह वीरो की है वो धरती जिसकी बड़ी निराली शान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना दुश्मन है जाल बिछाए देखो दाना भी फैलाए फूक फूक कर कदम बढ़ाना कहीं चली ना जाए मान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हिमालय है इसका ताज सागर ने भी रखी लाज कल भी नंबर वन था देश और नंबर वन है आज यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना इस देश के दो सपूत व्यक्तित्व थी उनकी खास एक का नाम था मोहनदास तो दूजे थे सुभाष यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हे भारत के वीर उठाओ गांडीव और तीर कर दो दुश्मन का संहार सिर्फ़ बचे यहां पर प्यार यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना
Chhath puja ( छठ पूजा)
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आज सुबह की भगवान भास्कर की आर्घ के साथ ही आस्था का महापर्व छठ पूजा की समाप्ति हो गई। छठ के घाट पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।घाटों पर दीयों की छटा कुछ ऐसी लग रही थी जैसे आज पुनः दिवाली आ गई हो। सभी व्रती का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया।घाट पर प्रसाद वितरण भी किया तथा बाकी बचे प्रसाद को अपने साथ घर ले आई। व्रती जो पिछले 36 घंटे से निर्जला उपवास पर थी ने अपना व्रत तोड़ा। पास पड़ोसियों सगे संबंधियों में प्रसाद का वितरण किया। जय छठी माई।
Chhath puja third day (छठ पूजा तीसरा दिन)
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आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन था। आज व्रती जो कल शाम खारना के बाद से निर्जला उपवास की हुई है सूर्यास्त के समय पानी में खड़े होकर हाथ में फल आदि का प्रसाद लेकर ढलते सूर्य को अर्ध दी। अर्ध देने के बाद जल से बाहर आकर व्रती धूप दीप आदि जलाकर घाट पर छोड़ देते हैं तथा प्रसाद की टोकरी एवं डाली लेकर घर को आ गए। कल दिन सुबह में फिर इसी प्रसाद के साथ पूजा का समापन होगा। व्रती चीनी का शरबत पीकर व्रत का समापन करेंगे तथा अन्न एवं नमक ग्रहण करेंगे। सभी पड़ोसियों सगे संबंधियों आदि को प्रसाद का वितरण करेंगे और इस तरह आस्था के इस महापर्व का समापन हो जाएगा। जय छठी मैया
CHHATH PUJA- SECOND DAY ( छठ पूजा - दूसरा दिन खरना)
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आज 1 नवंबर 19 अर्थात शुक्रवार को छठ पूजा का दूसरा दिन है। छठ पूजा के दूसरे दिन को खरणा कहा जाता हैं। इस दिन बरती पूरे दिन ब्रत रखती है और शाम को अपने हाथों से बनाया हुआ प्रसाद छठी मां को चढ़ाने के बाद ग्रहण करती है। इसी प्राद ग्रहण के बाद 36 घंटे के निर्जला ब्रात की शुरुआत होती हैं। छठी मां के प्रसाद बनाने में कुछ खास बातें ध्यान रखना होता है। प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर बनाई जाती है तथा अगर मिट्टी का चूल्हा ना हो तो इस बात का ध्यान रखा जाता है की उस चूल्हे पर मांस मछली आदि ना बनी हो। प्रसाद में गुड चावल एवं दूध की खीर और इसके साथ गुड और आटे की रोटी बनाई जाती है। इस प्रसाद को केले के पत्ते पर छठी मां को चढ़ाने के बाद बरती ग्रहण करती है। फिर इस प्रसाद को आस पड़ोस, सगे संबंधियों और परिवार के अन्य सदस्य में वितरित किया जाता है।