Today's Bihar ( आज का बिहार )

   बहुत दिनों से नहीं आया था बिहार में। सुनता था वहां है विकास की बहार क्योंकि राज्य में है शुसाशन बाबू की सरकार। मौका मिला और कल जब पटना में उतरा तो देखा चारों तरफ़ पानी ही पानी। लोगों में मची है हाहाकार। कहीं नहीं दिखी सुशासन बाबू की सरकार।




   पटना से सड़क के रास्ते जब गांव को बढ़ा तो सड़क की हालत कुछ बदली- बदली अर्थात सुधरी पाया तो अच्छा लगा और मन ने मन को कहा कुछ तो किया है सरकार।


गांव पहुंचा तो बिजली की हालत भी पहले से बेहतर थी।

फिर देखा शिक्षा ब्यवस्था, शिक्षकों को अक्षर ज्ञान नहीं, बना रहे हैं अगली पीढ़ी। मन सोचा क्या यही है राज्य की सफलता की सीढ़ी। पूरी की पूरी शिक्षा व्यवस्था का होता देखा बंटाधार। फिर मन ने मन से कहा, क्या किया सरकार?
   पूरे राज्य में शराब के ठेके बंद पर अभाव नहीं। पूरे प्रदेश में लूट, खसोट, अगवा, फिरौती, हत्या की घटना आम। पूरे राज्य में देखा चरमराती प्रशासन व्यवस्था और भस्ताचार । फिर मन ने मन से कहा कहां है सरकार ?

लोगों में राजनीति का ज्ञान देखा ऐसा की लगा हर घर में एक PM  बैठा हो जैसा। उनकी दलील भी काबिलेतारिफ और उदाहरण माशा अल्लाह। ऐसा लगा जैसे सब है पत्रकारिता के गुरु और अपने - अपने ढंग से अपने- अपने पार्टी का कर रहे हैं प्रचार। फिर समझ में आया यही है नया बिहार।   मै तो एक फौजी परिवार से हूं, जहां अनुशासन सर्वोपरी है। यहां पर ये सब देखकर अचरज लगा। लोगों को देखा अपनी रोजी - रोटी के लिए पलायन करता बिहार। अब भी चेतो और कुछ तो करो सरकार।

   मै यह नहीं कहता कि आप नीतीश बाबू का समर्थन नहीं करें। मै यह भी नहीं कहता की आप नीतीश बाबू का समर्थन करे।
   पर आप सोचिए की कैसा चाहिए आपको बिहार और वो कौन है जो कर सकता है आपके सपने को साकार। अगली बार उन्ही की बनाइए सरकार।


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