जिसको देश से नहीं है प्यार वह है देश का गद्दार यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यह मीरा की धरती है यह कबीरा की धरती है यहां तुलसी हुए महान यही के थे कवि रसखान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना यहां गंगा की अमृत धार जिसकी कल कल करती तान यह वीरो की है वो धरती जिसकी बड़ी निराली शान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना दुश्मन है जाल बिछाए देखो दाना भी फैलाए फूक फूक कर कदम बढ़ाना कहीं चली ना जाए मान यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हिमालय है इसका ताज सागर ने भी रखी लाज कल भी नंबर वन था देश और नंबर वन है आज यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना इस देश के दो सपूत व्यक्तित्व थी उनकी खास एक का नाम था मोहनदास तो दूजे थे सुभाष यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना हे भारत के वीर उठाओ गांडीव और तीर कर दो दुश्मन का संहार सिर्फ़ बचे यहां पर प्यार यारों संभल के रहना यारों सोच कर चलना
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