Social media and its effect on society सोशल मीडिया और इस का समाज पर प्रभाव
आइए आज थोड़ा वक्त निकालकर सोचते हैं कि क्या है सोशल मीडिया और इसकी कितनी जरूरत है हमें। सच मायने में यह सोशल मीडिया सभी परंपरागत मीडिया जैसे कि प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अलग इंटरनेट से जुड़ा एक अलग दुनिया बनाता है जिसमें हम और आप सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक इंस्टाग्राम टि्वटर यूट्यूब आदि का उपयोग कर लोगों तक अपनी पहुंच बनाते हैं। हमारी पुरानी मान्यता के अनुसार वसुधैव कुटुंबकम अर्थात यह पूरा दुनिया ही परिवार है, लेकिन यह सोशल मीडिया ने इस दुनिया को हमारी मुट्ठी में कर दिया है जिसे हम अपनी उंगली से नचाते हैं। हमें पता नहीं हम इस सोशल मीडिया को नचा रहे हैं या इस पर नाच रहे हैं यह हमारे जिंदगी का वह अहम हिस्सा बन चुका है जिसके बगैर जीना दूभर लगता है।
सोशल मीडिया आज एक विवाद का विषय है। कई लोग इसे वरदान तो कई इसे अभिशाप मानते हैं। आइए हम यहां इसके कुछ सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव पर गौर करते हैं सोशल मीडिया आपके विचारों सामग्री सूचना समाचारों आदि को बहुत तेज गति से साझा करने में सक्षम है। सही मायने में इस सोशल मीडिया के युग में जानकारी आपसे सिर्फ एक बटन की दूरी पर है। असल में यह सोशल मीडिया कई वेबसाइट एवं प्लेटफार्म का संग्रह है जो हमें सामग्री साझा करने में सक्षम बनाता है। इसके द्वारा हम अपने प्रियजनों को फोटो, मैसेज आदि भेज सकते हैं तथा वीडियो कॉलिंग भी कर सकते हैं यह अभिव्यक्ति की आजादी को भी दर्शाता है। अपने मनपसंद विषयों या निजी जिंदगी के अवसरों का अभिव्यक्ति इसके द्वारा कर सकते हैं। यह बेहतरीन मनोरंजन का साधन है। यहां आप जो ढूंढो वही मिलेगा। सही मायने में यह ज्ञान का भंडार है। बड़े-बड़े प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट सोशल मीडिया का उपयोग पढ़ाई के लिए करते हैं। आज कई लोग इसके द्वारा कमाई भी कर रहे हैं। इस तरह या रोजगार का नया अवसर खोल दिया है। इसके द्वारा आप अपने व्यापार का प्रचार भी कर सकते हैं।
दूसरी ओर इसकी सबसे बड़ी खामी इसका लत लगना है। बच्चे अपनी पढ़ाई से जी चुराने लगे हैं तथा उनके आंखों पर असर पढ़ रहा है उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। इससे पैसे एवं समय की बर्बादी हो रही है लोगों को यह गैर जिम्मेदार तथा असामाजिक बना रहा है। अफवाह फैलाने के लिए असामाजिक तत्व इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। यह हमें वास्तविकता से दूर कर रहा है। जिसमें अपने अपनों से दूर हो रहे हैं तथा वह जिसे कभी देखा भी नहीं दोस्त बन रहे हैं।
इस तरह हम देखते हैं कि इस सोशल मीडिया के दोनों अच्छे एवं बुरे परिणाम हो रहे हैं। यह हम पर है कि हम इसका इस विवेक के साथ उपयोग करते हैं तथा उसे अपनी भलाई में किस तरह इस्तेमाल करते हैं।
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