TRUTH OF LIFE जीवन की सच्चाई

आओ ना मल्हार गाए
आओ ना फिर गुनगुनाए
    क्या हुआ जो सुख नहीं मिला
    क्यों गम में है आंख गिला
पतझर में क्या पेड़ है रोते
क्या योद्धा कभी आपा खोते
    गम से तुम लड़ते रहो
    चीर अंधेरा बढ़ते रहो
देखो गम का बादल जाएगा
और अपना भी दिन आएगा।

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