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बड़ा बेटा

आज के समाज में बेटा  बड़ा होना अभिशाप है  कल तक थी ये पुण्य की बाते  आज मगर ये पाप है  भाई-बहन की बातेँ छोड़ो  माँ-बाप भी कतराते है  कल तक जो था दायित्व निभाता  आज उसी को सब सताते है  करूँ विवाद तो किससे मैं  यह सोच सोच घबराता हू   रिश्ता कैसे स्वार्थ से हरा  देख- देख शर्माता हू  एक प्रश्न  है प्रभु से मेरी  क्या बड़ा बेटा इंसान नहीं  सदा दायित्व निभाता जग में  क्या इसका कोई सम्मान नहीं 

इंसान क्यों बदल गया

 कल रात मुझसे चांद ने ऐसा कुछ सवाल किया  मैं वही खड़ा हू इंसान क्यों बदल गया - 2 क्यों भाई को भाई से आज प्यार नहीं है  क्यों बहनों की राखियाँ वज़ूद को रो रही है  क्यों माँओं के आँखों में आंसुओ की धार है  मैं वही खड़ा हू बदल गया संसार है  कल रात मुझसे चांद ने ऐसा कुछ सवाल किया मैं वही खड़ा हू इंसान क्यों बदल गया - 2 लोगों के बीच मे विश्वास का अभाव है  अनीतिया कुरीतियों का हर तरफ प्रभाव है  शक के दायरे में लोग सभी जी रहे  अपने ही आँसू को घुट घुट पी रहे  झूठ और फरेब का हर तरफ राज है  मै वही खड़ा हू बदल रहा समाज है  कल रात मुझसे चांद ने ऐसा कुछ सवाल किया मैं वही खड़ा हू इंसान क्यों बदल गया - 2 जिंदगी और मुश्किलें हर जगह संग है  किसकी नजर लगी जो खो गया उमंग है  ऊपर वाले अब तेरी ही आस है  तू ही कुछ करेगा ये मेरा विश्वास है  छोड़ कर इंसान को इंसानियत चल गया   मै वही खड़ा हू इंसान क्यों बदल गया  कल रात मुझसे चांद ने ऐसा कुछ सवाल किया मैं वही खड़ा हू इंसान क्यों बदल गया - 2