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Showing posts from January, 2020

दिल्ली चुनाव Delhi election

चली नेतागण भाषण देने  फिर बीच गई बिसात है  पता नहीं कौन जीतेगा  यह जनता किसके साथ है  कोई बोले मैं देशभक्त हूं  मैं बोलूं सीमा पर जा  देश रक्षा में कितने शहीद हुए  एक गोली तुम भी खा कर दिखा  कोई बोले मुझे जिताओ  सब कुछ कर दूंगा मैं मुफ्त  मैं बोलूं नहीं चाहिए लॉलीपॉप  बता है क्यों अर्थव्यवस्था सुस्त  कोई बोले मैं तेरी जात का  क्या मुझको नहीं जिताएगा  मैं बोलूं जात पात छोड़ो  क्या इंसान बनकर दिखाएगा  आज तुम जनता को बोले जनार्दन  कल मुझे मेरी औकात बताएगा  जनता वही की वही रहेगी  तुम दूज का चांद हो जाएगा  जनता की जरूरत कोई ना बोले  सब इधर-उधर की बात है  चले नेता गन भाषण देने  फिर बीच गई बिसात है

भारत के नौजवनों indian youth

 ए भारत के नौजवान  किस सोच में तुम हो पड़े हुए  वक्त बड़ा तेज भाग रहा  क्यों एक ही जगह तुम खड़े हुए  काबिलियत तुझ में वह है  कि विश्व का तुम उत्थान करो  अपनी शक्ति पहचानो तुम  उठाओ तिरंगा प्रस्थान करो  वीर भारत के तुम हो वंशज  किस बात से हो तुम डरे हुए  वक्त बड़ा तेज भाग रहा  क्यों एक ही जगह तुम खड़े हुए  आस लगाए तुझसे दुनिया  कोई तो मसीहा आएगा  विश्व गुरु यह रह चुका है  आज भी यही हमें जग आएगा  मारामारी है मची दुनिया में  सब में नफरत है भरे हुए  वक्त बड़ा तेज भाग रहा क्यों एक ही जगह तुम खड़े हुए