तन्हाई का आलम कैसा
तन्हाई का आलम कैसा तन्हाई संग हम खेलेंगे धीरे-धीरे लोग मिलेंगे धीरे-धीरे सजेगी महफ़िल दिल वाले भी आयेंगे दिल जले भी आयेंगे आपस में होगी मुलाकातें दिल से होगी दिल की बातें किसी के किस्से में गम होगा कहीं पे ज्यादा कहीं कम होगा कोई अपनी कथा बताए कोई अपनी व्यथा बताए कोई होगा प्यार का मारा किसी को होगा गम बहुत सारा फिर खुलेगी बोतल रम की छु मन्तर हो जाए गम की जीवन में अजीब मजा छाए जीने का फिर मजा आए