रूप बड़ा या गुण
रूप तुम्हारे हाथ नहीं गुण है तेरे हाथ एक दिन रूप ढ़ल जाएगा गुण सदा रहेगी साथ रूप वाले रूपवान कहलाते गुण वाले गुणवान रूप भले ही ढलती जाए गुण का रखना ध्यान रूप से कोई महान नहीं गुण से होता महान गुणों के कारण ही जग में मिलता है सम्मान सुगंधित जो फूल नहीं उसकी क्या है पहचान सुगंधित जो फूल है वही चढ़े भगवान रूप गुणों के टक्कर सदा गुण की होती जीत यही हमारी परंपरा यही हमारी रीति